तो फिर अब क्यों डर रहे हो?

जब सब चैन से सो रहे थे
तूम रातों को जागे न?

सब आलस में गिरे हुए थे
तुम उठ खुदसे भागे न?

तो फिर अब क्यों डर रहे हो?
उन सब सा तुम क्यों मर रहे हो?



जब सब संसार का मोह लिए थे
तुमने त्याग अपनाया न?

प्रलोभन से दूर भाग कर
मन को भी फुसलाया न?

तो फिर अब क्यों डर रहे हो?
औरों सा तुम क्यों मर रहे हो?



अरे जो आता है आने दो
अपनी भी तैयारी है

ऐसे ही कितने प्रश्नों से
अपनी पक्की यारी है

पहले एक चिंगारी थे
हम अब धधकती ज्वाला है

हमको भी बयार नहीँ
तूफानों ने पाला है

पहले भीड़ का हिस्सा थे
पर अब तुम भीड़ की वजह बनो

सब आगे इतिहास पढ़ेंगे
तुम उनका इतिहास बनो

मेहनत के आगे कौन सी बाधा
आजतक टिक पायी है?

अब सिर्फ ये तुम्हारी नहीँ
परमब्रह्म की लड़ाई है।

                   ~ऋषव

Comments

  1. Thanks bro..I think this help me im my exam a lot!!

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  2. Thank you a lot big brother ������.... ������

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  3. इतने दिनों से आप लोगो ने हमें ज्ञान में तैरना सिखाया है,
    पढ़ते पढ़ते ज़िन्दगी को अलग नजरिए से दिखाया है,
    पहले डर लगता था कहीं हर ना जाऊं इस दौड़ में,
    अब लड़ाई चाहे ब्रम्हा की हो या विष्णु की, हमारे अंदर के उस मेहनती बंदे को तो आप लोगो ने ही जगाया है।
    Thanks for the precious words bhaiya

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  4. Truly motivating sir
    So relaxing it was
    Great sir
    And thank you sir for tireless efforts u all made for us 😊😊

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    1. Keep Moving Forward.
      We hope, we could do justice to help you.

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  5. दिल गदगद हो गया भैयाजी,, धन्यवाद..

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