माँ
तू दूर रहे, या पास रहे
खुश रहे, उदास रहे।
चेहरे को पढ़ लेगी वो
महसूस भी कर लेगी वो।
दुनिया से छिपा सकता है तू
दुनिया को भुला सकता है तू
हर दर्द, अपनी परेशानियां
माँ से न छुपा सकता है तू
वो जानती है, आहटें तेरी
दिल में छुपे बातें तेरी
जो किसी से न कह पायेगा
वो भी माँ को ज़रूर बतलायेगा
दुनिया जहां मुंह मोड़ भी ले
पर साथ तेरा न छोड़ेगी
हर इल्जाम तेरे और ज़िम्मेदारियाँ
वक़्त आने पर, अपने सिर पर भी ले लेगी।
वो माँ ही है जिसके आगे
हर ताकत झुक जाती है
वो माँ है जिसके कदमों पर
जन्नत के रास्ते रुक जाते हैं।
माँ पर अब क्या लिखूं।
हम अगर शब्द है तो वो पुरी परिभाषा है
माँ की यही परिभाषा है।
दवा असर न करे तो नज़र उतारती है,
वो माँ है जनाब, वो कहाँ हार मानती है।
आप सभी को मातृ दिवस पर बहुत बधाइयां |
~RV
Comments
Post a Comment