नारी




ढोंग के बीच जो भक्ति है
उसको कहते हम नारी हैं
दुर्बल में जो शक्ति है
उसको कहते हम नारी हैं

जिसके कदमों में जन्नत है
उस माँ का जग आभारी है
ममता जिस जिसके हृदय में है
उसको कहते हम नारी हैं

सबके हित में जो समर्पित
हर आत्मा संस्कारी है
उस संस्कार को जो न मिटने दे
उसको कहते हम नारी हैं

झुक जाए हर शीश जहां
वह मंदिर, मस्जिद नारी है
रंक को भी राजा बनादे
साथ खड़ी जब नारी है

जिसके ऊपर ब्रह्मांड के
निर्माण की ज़िम्मेदारी है
वो प्रकृति, वो जननी
और धरती माँ भी नारी है

हर क्षेत्र में है सर्वश्रेष्ठ
ऐसी उसकी कलाकारी है
वो अबला नहीँ, लाचार नहीँ
वो सर्वशक्तिशाली नारी है

मैं भी नारी, तुम भी नारी
हम सबके भीतर नारी है
जिस भाव को पूजे दुनिया सारी
उसको कहते हम नारी हैं

                                          ~RV

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